बेंगलुरु में प्लास्टिक इडली (Plastic Idli) का बढ़ता खतरा! स्वास्थ्य के लिए गंभीर चेतावनी, बेंगलुरु में इडली प्रेमियों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। शहर के कई होटल और सड़क किनारे स्थित फूड स्टॉल्स में इडली पकाने के लिए पारंपरिक कॉटन के कपड़े की जगह पतली प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह आदत स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।

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कैसे पकाई जा रही है Plastic Idli
इडली को पकाने के लिए सामान्यतः पारंपरिक कपड़े का उपयोग किया जाता है, जिससे इडली स्टीम में सही ढंग से पकती है और सुरक्षित रहती है।
लेकिन कई दुकानदार और होटल संचालक अब कपड़े की जगह प्लास्टिक की पतली परत का उपयोग कर रहे हैं, जिससे इडली स्टीमर में चिपकती नहीं और साफ करना भी आसान हो जाता है।
हालांकि, यह सुविधा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
प्लास्टिक इडली का सेवन से आपको घेर सकती हैं ये 5 बीमारियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब प्लास्टिक को अत्यधिक गर्मी में रखा जाता है, तो यह कई हानिकारक रसायन छोड़ता है। इनमें मुख्यतः शामिल हैं:
- बिस्फेनॉल-ए (BPA): यह एक ऐसा रसायन है जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है और कैंसर, मधुमेह, और हृदय रोगों का कारण बन सकता है।
- फथैलेट्स: यह प्लास्टिक को लचीला बनाने में उपयोग किया जाता है, लेकिन शरीर में जाने पर यह लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
- डाइऑक्सिन्स: प्लास्टिक से निकलने वाला यह रसायन शरीर में विषैले प्रभाव डाल सकता है और लंबे समय में कैंसर का कारण बन सकता है।
Plastic Idli की पहचान कैसे करें?
- इडली की बनावट देखें: यदि इडली में हल्की प्लास्टिक जैसी गंध आ रही हो या यह बहुत ज्यादा चमकदार और चिकनी हो, तो सतर्क हो जाएं।
- भरोसेमंद जगह से ही खाएं: स्थानीय छोटे स्टॉल्स से इडली खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि वे पारंपरिक तरीके से इडली बना रहे हैं।
- घर पर सुरक्षित पकाएं: इडली बनाते समय कॉटन या मलमल के कपड़े का ही इस्तेमाल करें और स्टील या मिट्टी के बर्तनों को प्राथमिकता दें।
- शिकायत करें: अगर आपको किसी जगह पर प्लास्टिक का उपयोग होता दिखे, तो फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट या BBMP हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं।
Plastic Idli के लिए खाद्य विशेषज्ञों की राय
बेंगलुरु में सीएमआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. फनी कुमार पुल्लेला का कहना है कि प्लास्टिक का उपयोग खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने पर गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव डाल सकता है। वहीं, किडवाई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. लिंगे गौड़ा ने भी चेतावनी दी कि प्लास्टिक से निकलने वाले हानिकारक तत्व लंबे समय तक शरीर में जमा होकर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
Plastic Idli maker के खिलाप प्रशासन की सख्ती और बीबीएमपी का ऐक्शन
इस मामले के सामने आने के बाद बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) ने शहरभर में होटलों और फूड स्टॉल्स पर निरीक्षण तेज कर दिए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उन दुकानों (plastic idli stand) पर छापेमारी करें जो प्लास्टिक शीट का उपयोग कर रही हैं और दोषी पाए जाने पर उन पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
निष्कर्ष
बेंगलुरु में प्लास्टिक इडली का मामला केवल एक खाद्य घोटाला नहीं बल्कि जनस्वास्थ्य आपातकाल जैसा है। प्लास्टिक का उपयोग सस्ते और सुविधाजनक विकल्प के रूप में किया जा रहा है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव घातक साबित हो सकते हैं।
तो अगली बार जब आप इडली खाने जाएं, तो यह जरूर जांच लें कि कहीं आप प्लास्टिक के जाल में तो नहीं फंस रहे हैं।